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शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

पद–विचार [संज्ञा]


पदविचार
पद की परिभाषा
      सार्थक वर्ण या वर्णोँ के समूह को शब्द कहा जाता है। शब्द साभिप्राय होते हैँ। जब कोई सार्थक शब्द वाक्य मेँ प्रयुक्त होता है तब उसे पदकहते हैँ। व्याकरण के नियमोँ के अनुसार विभक्ति, वचन, लिँग, काल आदि की योग्यता रखने वाला वर्णोँ का समूह पदकहलाता है। जैसेराम विद्यालय जायेगा। यह वाक्य राम’, ‘विद्यालयऔर जायेगातीन पदोँ से बना है।
पदभेद :
      हिन्दी में पद के पाँच भेद या प्रकार माने गये हैं
(1) संज्ञा (2) सर्वनाम (3) क्रिया (4) विशेषण (5) अव्यय।
 संज्ञा
      ‘संज्ञा’ (सम्+ज्ञा) शब्द का अर्थ है ठीक ज्ञान कराने वाला। अतः वह शब्द जो किसी स्थान, वस्तु, प्राणी, व्यक्ति, गुण, भाव आदि के नाम का ज्ञान कराता है, संज्ञा कहलाता है।
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संज्ञा pdf

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