पाठ क्रमांक १-सूरदास
प्रश्न
1. गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या
व्यंग्य निहित है?
2. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है?
3. गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव
को उलाहने दिए हैं?
4. उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की
विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया?
5. ‘मरजादा न लही’ के माध्यम से कौन-सी
मर्यादा न रहने की बात की जा रही है?
6. कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने
किस प्रकार अभिव्यक्त किया है ?
7. गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को
देने की बात कही है ?
8. प्रस्तुत पदों के आधार पर गोपियों का योग-साधना
के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट करें।
9. गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए ?
10. गोपियों को कृष्ण में ऐसे कौन सा परिवर्तन दिखाई
दिए जिनके कारण वे अपना मन वापस पा लेने की बात कहती हैं ?
11. गोपियों ने अपने वाक्चातुर्य के आधार पर ज्ञानी
उद्धव को परास्त कर दिया, उनके वाक्चातुर्य की विशेषताएँ लिखिए?
12. संकलित पदों को ध्यान में रखते हुए सूर के
भ्रमरगीत की मुख्य विशेषताएँ बताइये।
13. उद्धव ज्ञानी थे, नीति की बातें जानते
थे; गोपियों के पास ऐसी कौन-सी शक्ति थी जो उनके वाक्चातुर्य में मुखिरत
हो उठी?
14. गोपियों ने यह क्यों कहा कि हरि अब राजनीति पढ़
आए हैं? क्या आपको गोपियों के इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आता
है, स्पष्ट कीजिए।
उपरोक्त प्रश्नों के उत्तरों के लिए कृपया नीचे दी गई PDF फाइल DOWNLOAD करें|
धन्यवाद|
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सूरदास कक्षा-10 (अभ्यास-प्रश्न )
इस पाठ को विडियो के माध्यम से समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें|
https://youtu.be/ibeUMzP5Q3s
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