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शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

वर्ण–विचार


वर्णविचार

      हिन्दी भाषा में वर्ण वह मूल ध्वनि है, जिसका विभाजन नहीँ हो सकता। भाषा की ध्वनियों को लिखने हेतु उनके लिए कुछ लिपिचिह्न हैं। ध्वनियों के इन्हीँ लिपिचिह्नों को वर्णकहा जाता है। वर्ण भाषिक ध्वनियों के लिखित रूप होते हैं। हिन्दी में इन्हीँ वर्णों को अक्षरभी कहते हैँ। इस प्रकार ध्वनियों का सम्बंध जहाँ भाषा के उच्चारण पक्ष से होता है, वहीँ वर्णों का सम्बन्ध लेखन पक्ष से। हिन्दी भाषा मेँ सम्पूर्ण वर्णों के समूह को वर्णमालाकहते हैँ। हिन्दी वर्णमाला मे 44 वर्ण हैं जिसमें 11 स्वर एवं 33 व्यंजन हैं।
स्वर :स्वर वे वर्ण हैं जिनका उच्चारण करते समय वायु बिना किसी अवरोध या रूकावट के मुख से बाहर निकलती है। स्वर 11 हैं, , , , , , , , , , औ।
       यद्यपि को लिखित रूप में स्वर माना जाता है किन्तु आजकल हिन्दी में इसका उच्चारण रिके समान होता है। इसलिए को स्वरों की श्रेणी में सम्मिलित नहीँ किया गया है।
       
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